बम, पटाखे और आतिशबाजी की दुकान लगाने वालों के विशेष हिदायतें -डॉ एमपी सिंह
सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन तथा विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने विशेष हिदायतें देते हुए अनुरोध किया है कि बम पटाखे की दुकान आबादी वाले क्षेत्र से दूर लगनी चाहिए तथा हर दुकान के बीच में 4 से 5 मीटर की दूरी होनी चाहिए
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि गत वर्षो में बम पटाखे बेचते समय अनेकों बार दुकानों में आग लग चुकी है जिसमें जान और माल को नुकसान भी हो चुका है इसलिए सुरक्षा के मानकों को अपनाना चाहिए तथा मन से उन्हें लागू करना चाहिए क्योंकि अपनी सुरक्षा में ही सभी की सुरक्षा है
डॉ एमपी सिंह ने सुरक्षा मानकों को बताते हुए कहा कि 1.बालू या रेत से भरी बाल्टी दुकान के पास रखी होनी चाहिए
2.पानी से भरी बाल्टी होनी चाहिए
3.आग बुझाने वाला यंत्र यानी एबीसी फायर एक्सटिंग्विशर लगा होना चाहिए
4.सरकार से प्राप्त किया हुआ लाइसेंस दुकान में दर्शाया जाना चाहिए
5.बिना लाइसेंस के किसी भी दुकान पर विस्फोटक सामान नहीं भेजना चाहिए
6.गली मोहल्ले की दुकानों पर विस्फोटक सामान बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए
7.रेडी या पटरी पर विस्फोटक सामान बेचने वालों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए
8.सिर्फ ग्रीन पटाखे ही दुकान पर होने चाहिए
9.टेंपरेरी बिजली का कनेक्शन लेते समय खुली नंगी तार न छोड़ें
10.दुकान बंद करते समय पूरी जांच पड़ताल कर लें
11.आपातकालीन नंबर का बोर्ड दुकान पर लगा कर रखें
12.अपने फायदे के लिए दूसरों की जान को खतरे में ना डालें
13.जो नियमों की अवहेलना करते हैं उनको डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 188 के तहत पर्चा दर्ज करना चाहिए
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि किसी को भी किसी की जान से खेलने का कोई अधिकार नहीं है व्यापारी वर्ग को व्यापार करना चाहिए लेकिन सुरक्षा मानकों को पूरा करते हुए और आम नागरिकों को भी नियमों की पालना करनी चाहिए तथा प्रदूषण में गिरावट लाने के लिए अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए
सरकार के उक्त कार्य की सराहना करते हुए कामयाब करने में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए
हाथ में या किसी बर्तन में बम पटाखे नहीं जलाने चाहिए
बम पटाखे बड़ों की निगरानी में चलाने चाहिए
ज्यादा शोर करने वाले बम पटाखे नहीं जलाने चाहिए क्योंकि उनसे ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण दोनों ही होता है
भविष्य में घटित होने वाली आपदा से बचाव हेतु डॉ एमपी सिंह ने उक्त नियम जनहित में जारी किए हैं ताकि अधिक से अधिक लोग पढ़कर लाभान्वित हो सकें और होने वाले नुकसान से बचाव कर सकें
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि कुछ परेशानियों को हम ही पैदा करते हैं और खतरों को हम ही आमंत्रित करते हैं इसलिए जागरूकता का परिचय दें और जान है तो जहान है नारे को सार्थक करें खतरों से खेलना बुद्धिमानी नहीं
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