दिल्ली एनसीआर में बनी बहुमंजिला इमारतें नहीं झेल सकती हैं भूकंप के झटके- डॉ एमपी सिंह
सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने बताया कि 9 नवंबर को देर रात एक बजकर 57 मिनट पर भूकंप के झटके फरीदाबाद में महसूस किए गए जिसकी वजह से अनेकों मकानों में दरार आ गई
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि दिल्ली एनसीआर यानी दिल्ली गाजियाबाद नोएडा गुड़गांव फरीदाबाद सेस्मिक जोन 4 में आता है जिसकी वजह से बार- बाहर यहां भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि अधिकतर इमारतों में खराब माल का इस्तेमाल करके कमजोर बनाया जा रहा है और सरकार के नियमों को ताक पर रखा जा रहा है जिसकी वजह से 300 बहुमंजिला इमारतें सरकार ने भूकंप की दृष्टि से असुरक्षित बताई हैं जिस दिन सिक्स पॉइंट फाइव से अधिक तीव्रता का भूकंप आया उस दिन तबाही मच जाएगी अनेकों लोग घर से बेघर हो जाएंगे
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि 9 नवंबर 2022 को नेपाल में भूकंप ने तबाही मचा दे जिसमें अनेकों लोगों की जान चली गई और अनेकों घर धराशाही हो गए की उस खतरे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्माण स्थलों को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है जिसमें पुरानी इमारतों के मालिकों को स्ट्रक्चर इंजीनियर से सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है तथा पैथ टेस्ट की रिपोर्ट भी अनिवार्य कर दी ताकि भविष्य में जान मल के खतरे से बचा जा सके
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पिछले 2 दशकों के दौरान दिल्ली एनसीआर में निर्माण कार्य अत्यंत तेजी से हुआ है इसमें बहुमंजिला गगनचुंबी इमारत बड़ी संख्या में बनाई गई हैं जो सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित नहीं है भूकंप के दौरान हाईराइज इमारतों में हमेशा डर बना रहता है और उनके गिरने की संभावना बनी रहती है
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि भूकंप के दौरान जिन मकानों में दरार आ जाती है वह सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं होता है उस मकान का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिस मकान के आसपास में जल भरा रहता है वह मकान भी खतरे से खाली नहीं है वह कभी भी धराशाई हो सकता है इसलिए जलभराव का उपाय अति शीघ्र करना चाहिए
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि एनसीआर सर्वाधिक जोखिम वाली श्रेणी में आता है केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आने वाली बिल्डिंग मैटेरियल्स एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसलिंग ने सर्वेक्षण कराया जिसमें 80 फ़ीसदी फ्लैट असुरक्षित बताए गए भू वैज्ञानिकों के अनुसार सैकड़ों पुरानी इमारतें जर्जर अवस्था में है जो भूकंप के झटके सहन करने में असमर्थ हैं
डॉ एमपी सिंह ने बताया कि भूकंप के झटके कभी भी बहुमंजिला इमारतों की पोल खोल सकते हैं इसलिए पहले से सचेत हो जाना चाहिए और सुरक्षा की दृष्टि को मद्देनजर रखते हुए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मानकों को पूरा कर लेना चाहिए
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सरकार पर दोषारोपण करने से पहले हमें नियमों की पालना करनी चाहिए पहले तो हम कागज के महल बना लेते हैं और आपदा के दौरान मकान दुकान या बहुमजिला इमारत के गिरने पर जब जान माल की हानि होती है तब सरकार को दोष देते हैं जबकि हम स्वयं दोषी होते हैं इसलिए हमें मकान बनाने या खरीदने से पहले डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के नियमों की जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए
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