what to do or what not to do in case of cold wave -Dr MP Singh
चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब सामान्य तापमान से कई डिग्री सेल्सियस तापमान नीचे चला जाता है तब शीतलहर की स्थिति बनती है शीतलहर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और सर्दियों में हर्ट अटैक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है ऐसे में हमें खुद का ध्यान स्वयं रखना चाहिए और लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए यह लापरवाही जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है
क्या करना चाहिए
1. पर्याप्त मात्रा में कपड़े पहनने चाहिए
2. संभव हो सके तो घर के अंदर रहना चाहिए
3. संभव हो सके तो कम से कम यात्रा करनी चाहिए
4. अपने घर और आंगन को सूखा रखना चाहिए
5. शरीर के बदन को सूखा रखना चाहिए
6. हाथों में दस्ताने पहने चाहिए
7. मौसम की जानकारी के लिए समाचार सुनने चाहिए
8. नियमित रूप से गर्म पानी पीना चाहिए
9. बुजुर्ग और बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए
10. अल्पताप के मामले में रूबी को गर्म स्थान पर ले जाना चाहिए
11. शरीर का तापमान बढ़ाने के लिए कंबल या रजाई का प्रयोग करना चाहिए
क्या ना करें
1. शराब का सेवन नहीं करना चाहिए
2. कब-कब पीके को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
3. ठंडा पेय पदार्थ नहीं लेना चाहिए
4. फर्श को धोकर पंखा नहीं चलाना चाहिए
5. गीले कपड़े नहीं पहने चाहिए
6. बिना सिर ढके या बिना हेलमेट के टू व्हीलर नहीं चलाना चाहिए
सर्दियों में कोहरा व धुंध की चादर चारों तरफ दिखाई पड़ने लगती है रेल,, सड़क और हवाई दुर्घटनाएं होने लगती हैं इसलिए सचेत रहना चाहिए और कोहरे और Smog के दौरान यात्राएं रद्द कर देनी चाहिए शीतलहर में तीर्थ यात्रा करने के लिए या घूमने फिरने के लिए हिल एरिया में भी नहीं जाना चाहिए ऐसी गलती करने पर गलत परिणाम देखने को मिल सकते हैं
कोहरे को fog कहते हैं और धुंध को smog कहते हैं smog, fog से ज्यादा खतरनाक होती है इसमें पानी की बूंदों के साथ-साथ धूल के कण तथा जहरीले तत्व भी शामिल होते हैं जो सेहत के लिए अत्यंत खतरनाक होते हैं
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