महिला की समझ और नासमझ दोनों के उदाहरण- डॉ एमपी सिंह
देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह के द्वारा दिए गए दोनों उदाहरण वास्तविक है इसलिए उनके नाम और पते नहीं दिए जा रहे हैं
एक किराए के मकान में पति और पत्नी दोनों रहते थे पति कुछ कर्ताधर्ता नहीं था और पत्नी के गहने आभूषण बेचकर शराब पीता रहता था उसके विरोध करने पर उसे मारता पीटता था पत्नी कहीं नौकरी कर करती थी जो पैसा लाती थी उससे अपना गुजर-बसर करती थी लेकिन एक दिन भी सुख और शांति रोटी नहीं मिलती थी कई बार भूखा सोना पड़ता था इस बारे में शिकायत दूसरी किराएदार ने पुलिस को कर दी और मारते पीटते समय पुलिस मौके पर पहुंच गई पुलिस ने उसके पति को डराया धमकाया और थाने ले जाने के लिए कहा तभी उसकी पत्नी ने हाथ जोड़कर विनती की कि आप इसे थाने ना ले जाएं जेल ना भिजवाए क्योंकि इसका मेरे सिवा कोई नहीं है पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि इतना प्रताड़ित करने पर शराब पीकर मारने पर 3 साल की सजा हो जाती है मैं इसको सजा दिला कर ही रहूंगा लेकिन पत्नी ने विनती की कि आप इनको माफ कर दीजिए यह हमारे पति और पत्नी का मसला है मैं आपको शिकायत नहीं देना चाहती हूं भले ही यह मुझे जान से मार दें इस बात को सुनकर पति को अपनी गलती का एहसास हो गया और उसने शराब ना पीने का प्रणाली लिया तथा कार्य करने की ठान ली
दूसरा पक्ष
एक किराए के मकान में पति और पत्नी रहते थे और दोनों ही नौकरी करते थे लेकिन दोनों ही एक दूसरे पर शक करते थे जिसके कारण रोजाना कलह क्लेश रहता था एक बार पत्नी ने सो नंबर पर डायल करके पुलिस को बुला लिया पुलिस वाले ने मौके का फायदा देखकर पत्नी के साथ संबंध बना लिए और कुछ समय के बाद षड्यंत्र के तहत झगड़ा करा दिया जिसमें पुलिस वाले ने घर पर आकर उसके पति को खूब मारा पीटा अधमरा कर दिया हाथ पैर तोड़ दिए कमाने खाने में के लायक नहीं छोड़ा बिस्तर का डाल दिया
अब दोनों पक्षों को आप समझ सकते हैं कि कौन सा पक्ष कितना सही है और कितना गलत है जागरूक करने के लिए यह आर्टिकल मैंने जनहित राष्ट्रहित में लिख दिया है
Comments
Post a Comment