महावीर कॉलोनी में संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया - डॉ एमपी सिंह
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में 75 सप्ताह 75 संस्कार की पाठशालाओ का आयोजन कर रहा है जिसके तहत आज बल्लभगढ़ स्थित महावीर कॉलोनी के एक प्राइवेट स्कूल के कैंपस में संस्कार की पाठशाला लगाई जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने कहा कि उत्तम संस्कारों के द्वारा ही मनुष्य कामयाबी को प्राप्त करता है गलत संस्कारों की वजह से वह लड़ाई झगड़ा आतंकवाद उत्पाद आदि करता रहता है जिसकी वजह से पुलिस थाना कोर्ट कचहरी होते रहते हैं सभी समस्याओं से शिक्षित व्यक्ति अपना बचाव कर पाता है इसलिए बचपन में 1 साल से 10 साल तक के बच्चे में संस्कार डालने के लिए अधिकतम समय उसके साथ गुजारना चाहिए उसकी बोली भाषा को समझना चाहिए उसके प्रश्नों का जवाब शालीनता से देना चाहिए गुस्सा नहीं करना चाहिए अधिक डांट फटकार नहीं करनी चाहिए बाजारी वस्तुओं को नहीं खिलाना चाहिए हाट बाजार में नहीं घुमाना चाहिए पिकनिक मनाने के लिए बार-बार जगह-जगह नहीं लेकर जाना चाहिए क्योंकि जैसी आदत आप उसकी बनाते हैं वैसी ही उस बच्चे की बन जाती है यदि वह बाहर जाता है और किसी चीज की डिमांड करता है आप उसे दिलवाने में असमर्थ होते हैं और उसे डांट फटकार देते हैं उसका बुरा प्रभाव उसके दिमाग पर पड़ता है इसलिए उसे बाहर अधिक नहीं लेकर जाना चाहिए यदि वह घर में रहकर दादा दादी नाना नानी के साथ खेलता है कहानी सुनता है इंडोर गेम खेलता है तब वह अपनों के साथ ज्यादा खुश रहता है और घर में बनी हुई चीजों का ही आनंद लेता है उसकी ज्ञान की वृद्धि हो जाती है उसे खेलने कूदने का समय भी अधिक मिल जाता है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि अधिकतर माता-पिता कामकाजी होते हैं इसलिए बच्चे को अधिक समय नहीं दे पाते हैं उसकी इच्छाओं की पूर्ति के लिए सो ₹200 दे देते हैं मोबाइल दिला देते हैं शॉपिंग करा देते हैं खिलौने दिला देते हैं और अन्य इच्छाएं पूरी कर देते हैं लेकिन उन इच्छाओं को पूरा करना उनके लिए दुखदाई व नुकसानद हो सकता है बचपन में बच्चे को माता-पिता दादा-दादी का समय चाहिए ताकि आत्मीयता हो सके इस अवसर पर प्रतिभागियों ने शपथ ली कि हम उक्त सभी बातों का ध्यान रखेंगे और सामाजिक बुराई को समाप्त करने में अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट का साथ और सहयोग करेंगे
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