मेवला महाराजपुर में सुखी दांपत्य जीवन पर सेमिनार का आयोजन -डॉ एमपी सिंह

6 जून 2023 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट ने मेवला महाराजपुर में सुखी दांपत्य जीवन पर एक सेमिनार का आयोजन किया जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने बड़े चिंतन के आधार पर दांपत्य जीवन के टूटने के कारणों पर प्रकाश डाला और कहा कि जो निम्नलिखित मुद्दों को अपने ध्यान में रखेगा और साथ ही साथ समाधान करता चलेगा उसका दांपत्य जीवन सुखी रहेगा दांपत्य जीवन अलग होता है पद और प्रतिष्ठा अलग होती है 
अधिकतर लोग कहते हैं कि यह कम पढ़ी लिखी है या कम पढ़ा लिखा है इसलिए समझ नहीं है इसलिए रिश्ते खराब हो रहे हैं लेकिन डॉ एमपी सिंह का कहना है कि पहले लोग पढ़े-लिखे नहीं थे क्या अनपढ़ लोगों के घर अच्छे नहीं चलते थे पहले सभी की शादी नहीं हुआ करती थी लेकिन फिर भी परिवार खुशहाल हुआ करते थे
 कुछ लोग नशे का बहाना लेकर कह देते हैं कि यह नशेड़ी है
 पहले तो आदमी ही शराब पिया करता था लेकिन आजकल तो महिलाएं भी बीड़ी सिगरेट तंबाकू और शराब का सेवन कर रही है
 पहले इंसान कमाया करते थे और महिलाएं घर में बैठकर बच्चों की परवरिश और घर का कार्य किया करती थी लेकिन आज अधिकतर महिलाएं किसी ना किसी काम के बहाने से घर से बाहर जा रही है और देर सवेर घर लौट रही है
आजकल पहनावे मे परिवर्तन की वजह से भी घर टूट रहे हैं
 कुछ जोड़ें इसलिए उजड़ रहे हैं कि एक हिंदू धर्म को मानता है तो दूसरा ईसाई धर्म को
 एक सिख धर्म को मानता है तो दूसरा मुस्लिम धर्म को 
कुछ जोड़े इसलिए उजाड़ रहे हैं कि दोनों सुबह अपने अपने ऑफिस जाते हैं पति किचन में हाथ नहीं बताते हैं इसलिए पत्नी भी नाराज हो जाती है कि मैं भी बराबर कमाती हूंमैं भी थक कर आती हूं
 ऑफिस में कार्य करने बालों को घर पर किसी ना किसी बहाने से लेकर आ रहे हैं और उनके साथ रिश्ते निभा रहे हैं घर के रिश्ते कमजोर पड़ते जा रहे हैं घरवालों के साथ रिश्ते फीके  पढ़ते जा रहे हैं
 किसी ना किसी बहाने से पिकनिक टूर बनाए जा रहे हैं जहां पर कई दिन और रातें गुजारी जा रही है जिसमें समझदार लोग तो समझ लेते हैं लेकिन मुंह से कुछ बोल नहीं पाते हैं मुंह से बोलना जानलेवा सिद्ध हो सकता है
 कई लोग मौके का फायदा बहुत अच्छे तरीके से उठाना जानते हैं किसकी क्या कमजोरी है किसके पति का एक्सीडेंट हो गया है किसके साथ ससुर अस्पताल में है किसका बच्चा बीमार है किसका घर कच्चा है कौन किराए पर रहता है किसकी औकात कितनी है किसका पति मर गया है किसको पति ने छोड़ दिया है
 उक्त बातों को ध्यान रखते हुए शारीरिक संबंध बना लेते हैं और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते रहते हैं 
जो इज्जतदार लोग होते हैं वह गरीबी में भी दिन काट लेते हैं भूखे नंगे रहकर भी जीवन यापन कर लेते हैं लेकिन अपने शरीर का सौदा नहीं करते हैं
 अनेकों बार देखा गया है कि पति का व्यापार अच्छा है जिसकी वजह से उसे अधिकतर घर से बाहर रहना पड़ता है या पति की नौकरी बाहर है जो दो-तीन महीने के बाद घर पर कुछ समय के लिए आता है
 ऐसी स्थितियों में महिलाएं अपनी नियति को खो बैठती हैं और क्षणिक सुख के लिए अपने दांपत्य जीवन पर कलंक का टीका लगा लेती हैं या अपने सास सुसर तथा देवर जेठ पर झूठे इल्जाम लगाकर अपने पति को गुमराह कर देती हैं जिससे पति आवेश में आकर पत्नी को उसके माता पिता के घर छोड़ देता है या कहीं किराए पर मकान लेकर अलग कर देता है
 ऐसे परिवार पर जब कोई परमात्मा की मार पड़ती है पत्नी बीमार होती है या बच्चे बीमार होते हैं या कोई घटना दुर्घटना हो जाती है या पास पड़ोस में लड़ाई झगड़ा हो जाता है या बैंक की ईएमआई ना जाने पर बैंक वाले परेशान करने लग जाते हैं फिर सास ससुर ही याद आते हैं और वही अपनी जिम्मेदारी निभाकर उनको स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं 
लेकिन फिर भी बहू के हाथ की रोटी नसीब नहीं हो पाती हैं ना ही बहू उनको कपड़े धोकर पहनाती है ना ही उनकी बीमारी का ध्यान रखती है सेवा का तो कोई मतलब ही नहीं होता
कई जगह पति अपने आप में अपनी दुनिया में मस्त होता है तो पत्नी अपने आप में अपनी दुनिया में मस्त होती है और बच्चों का जीवन खराब होता रहता है जिसकी वजह से बच्चों के दादा-दादी दुख का अनुभव करते हैं लेकिन सार्थक प्रयास करने के बाद भी कुछ हासिल नहीं हो पाता है
 कई जगह सास उग्र स्वभाव की होती है उसने समाज में जो देखा होता है उसी को अपनाना चाहती है या बड़बोली होती है लेकिन ससुर विनम्र स्वभाव के होते हैं उनके बोलने पर नकेल होती है वह मुंह से एक शब्द भी नहीं बोल पाते हैं चाहे अच्छा हो या बुरा ऐसी स्थिति में कई बार घर उजड़ जाते हैं 
कई जगह ससुर सब कुछ अपने हाथ में रखते हैं और सास को भी प्रताड़ित करते हैं उनका चाल चलन भी ठीक नहीं होता है इसलिए उनकी वजह से भी बहू घर में सुरक्षित नहीं रह पाती है 
कई जगह सामूहिक परिवार में देवर जेठ नंद सभी इकट्ठे रहते हैं जहां पर नंद की चलती है या देवर संचालक होता है ऐसी स्थिति में भी मतभेद पैदा हो जाते हैं
 सामाजिक संतुलन बनाना हर किसी के बस की बात नहीं है जिन घरों का सामाजिक संतुलन बिगड़ जाता है वह घर बर्बाद हो जाते हैं वहां पर पुलिस केस और कोर्ट कचहरी ही होती हैं वहां पर बाहरी लोगों का आगमन घर में हो जाता है
 कहीं जोड़ें ऐसे होते हैं जिसमें एक ज्यादा पढ़ा लिखा होता है और एक कम जिसकी वजह से एक दूसरे को समझ नहीं पाते हैं और मनमुटाव हो जाता है 
अधिकतर रिश्ते लड़कियों के माता-पिताओं की वजह से बिगड़ते हैं जहां पर लड़कियां शादी के बाद भी पल-पल की खबर अपने माता-पिता को देती रहते हैं 
अधिकतर रिश्ते वह कामयाब नहीं हो पाते हैं जो शादी से पहले ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के चक्कर में पड़े रहते हैं 
अधिकतर रिश्ते मोबाइल के पासवर्ड की वजह से भी बिगड़ रहे हैं जब मोबाइल पर पारदर्शिता नहीं होती है तो शक पैदा हो जाता है और मनमुटाव होते चले जाते हो 
सरकारी नौकरियों में उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग चलती रहती है कई बार घर से बाहर थी मीटिंग के लिए जाना पड़ता है और देर सवेर हो जाती है जिसकी वजह से पति अपनी पत्नी पर अनायास शक करने लग जाता है 
पहले जमाने में सास बहू व नंद भाभी के झगड़े के कारण ही कुछ संबंधों में दरार आया करती थी लेकिन उनको रिश्तेदार आपस में बैठकर निपटा लिया करते थे लेकिन आज पति-पत्नी के रिश्ते में रिश्तेदार पास पड़ोस व सगे संबंधी भाग लेना ही नहीं चाहते हैं क्योंकि किसी पर भी एलिवेशन लग जाता है और धर्म संकट पैदा हो सकता है 
इसके लिए दोषी कौन है समझ में नहीं आता है शिक्षा या सभ्यता और संस्कार
 मां बाप है या अहंकार और एटीट्यूड 
 इष्ट मित्र हैं या भौतिकवाद की चमक और धमक मोबाइल या मॉल 
दांपत्य जीवन टूटने का मुख्य कारण है बुद्धि और विवेक से काम लेना 
अपनी जिम्मेदारी को ना समझना 

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