कौन बड़ा है के भ्रम को जाने -डॉ एमपी सिंह

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने अपने चिंतन के आधार पर लोगों को जागरूक करने के लिए इस लेख को पढ़कर प्रकाशित किया है अधिकतर लोग मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चर्च आदि में पूजा करने के लिए जाते हैं और उसे बड़ा मानते हैं लेकिन वह सभी पृथ्वी पर स्थित हैं इसलिए पृथ्वी माता बड़ी बताई गई है 
लेकिन पृथ्वी माता भी गौमाता के सीग पर तथा शेषनाग के फन पर खड़ी बताई जाती है इसलिए पृथ्वी माता भी बड़ी नहीं है इस तथ्य के आधार पर शेषनाग और गौ माता बड़ी है 
लेकिन शेषनाग भगवान शिव के गले में पड़ा है इसलिए भगवान शिव बड़े बताए जाते हैं 
लेकिन भगवान शिव का स्थान पहाड़ पर है इसलिए पहाड़ बड़ा बताया जाता है 
लेकिन पहाड़ को उठाकर हनुमान जी लेकर आए थे इसलिए हनुमान जी को बड़ा बताया जाता है
 लेकिन हनुमान जी भगवान राम के चरणों में पढ़े थे इसलिए भगवान राम को बड़ा बताया जाता है 
लेकिन भगवान राम रावण का अंत करने के लिए साम दाम दंड भद की नीति अपना रहे थे  इसलिए रावण को बड़ा बताया जाता है 
लेकिन लगता है कि संसार में कोई बड़ा नहीं है जो अपने पैरों पर खड़ा है वह स्वयं बड़ा है 
जिसके पैर टूट जाते हैं या अधरंग हो जाता है या जिसके पास नौकरी और पैसा नहीं होता है दूसरों का मोहताज होता है वह सबसे छोटा होता है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि बुद्धि और विवेक से जो लोग काम लेते हैं जिनका मन और दिमाग ठीक है जो अच्छा सोचते हैं अच्छा बोलते हैं और अच्छा करते हैं वह सबसे बड़े 
जो किसी का बुरा करते हैं बुरा सोचते हैं बुरा बोलते हैं वह सबसे छोटे हैं
 डॉ एमपी सिंह का कहना है  भ्रम की दुनिया में नहीं जीना चाहिए ज्ञान तप   सील गुणधर्म सबसे बड़े होते हैं इनको अपनाना चाहिए और अपने अपने स्थान पर सभी बड़े होते हैं कोई अपने आप में छोटा मानने के लिए तथा समझने के लिए तैयार नहीं होता है वह तो दूसरों के आकलन पर ही पता चलता है कि कौन छोटा है और कौन बड़ा है क्यों छोटा है और क्यों बड़ा है 

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे का अपना स्थान होता है श्री राम हनुमान रावण आदि का अपना अपना स्थान है उक्त बातों से किसी छोटे और बड़े का आकलन नहीं किया जा सकता है सिर्फ सोच का फर्क है जो अच्छे कार्य करता है उसका नाम इतिहास के पन्नों में अमर हो जाता है इसलिए हम सभी को सद कर्म करने चाहिए और जीवन को कामयाब बनाना चाहिए तथा महापुरुषों के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए

Comments

Popular posts from this blog

तथागत बुद्ध के विचार और उनकी शिक्षा हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती है - डॉ एमपी सिंह

डॉ एमपी सिंह ने दिए डेंगू मलेरिया वायरल से बचाव हेतु टिप्स

Information Are reyquired For School Disaster Management Plan- Dr MP Singh