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Showing posts from March, 2023

जैसा बोओगे वैसा काटोगे -डॉ एमपी सिंह

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31 मार्च 2023 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए समाज के आम लोगों को जागरूक करते हुए कहा है कि अपने माता-पिता को दुख और तकलीफ पहुंचाने पर आप कभी सुखी नहीं रह सकते हो क्योंकि जो किसान जमीन में बोता है उसी का फल वह काटता है आज दैनिक जागरण में एक माता-पिता की दुख भरी कहानी पढ़कर मन अत्यंत विदीर्ण हो गया उस अखबार में लिखा था की हरियाणा कैडर का एक आईएएस प्रशासनिक अधिकारी  है हरियाणा में ही पोस्टेड है उसका छोटा भाई डीएसपी लगा हुआ है दोनों भाइयों के पास 30 करोड़ की प्रॉपर्टी बताई गई है लेकिन दोनों के पास माता पिता को दो वक्त की रोटी देने के लिए नहीं थी इसी कारण उन दोनों पति पत्नी ने सुसाइड नोट लिख दिया और सारी बातों की विस्तृत जानकारी दे दी ताकि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके और अपने बैंक में जमा पूंजी को आर्य समाज मंदिर को देने के लिए लिख दिया तथा सुसाइड करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली यह समाचार हम सबके लिए बेहद दुखद है इस प्रकार की घटनाएं समाज में घटित नहीं होनी चाहिए बाद म

स्वास्थ्य विभाग और रेडक्रॉस ने डॉ एमपी सिंह को किया सम्मानित

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23 मार्च 2023 को शहीदी दिवस के अवसर पर हेल्थ विभाग की डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रिचा बत्रा और इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव विजेंद्र चोरौत ने रेड क्रॉस भवन के ऑडिटोरियम में डॉ एमपी सिंह को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया उप अधीक्षक पुरुषोत्तम सैनी ने बताया कि डॉ एमपी सिंह रेडक्रॉस सोसाइटी के साथ मिलकर तपेदिक बीमारी को खत्म करने में अपना साथ और सहयोग दे रहे हैं और अत्यंत सराहनीय और प्रशंसनीय कार्य कर रहे है इसीलिए आउटस्टैंडिंग वर्क के लिए रेडक्रॉस सोसाइटी और स्वास्थ्य विभाग डॉ एमपी सिंह को सम्मानित करके गौरवान्वित महसूस कर रहा है इस अवसर पर रेडक्रॉस सोसाइटी के पैटर्न वीरेंद्र गॉड और विमल खंडेलवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे तथा टीवी की प्रोजेक्ट ऑफिसर मधु भाटिया और डॉ महेंद्र गोयल ने सम्मानित करने में अपनी अहम भूमिका निभाई

प्रशिक्षण के दौरान बेहोश हुई छात्रा की बचाई जान -डॉ एमपी सिंह

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14 मार्च 2023 चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण शिविर के दौरान कोमल अचानक बेहोश हो गई जिसको तुरंत ही खुली हवा में ले जाया गया और आरामदायक स्थिति में बिठा दिया लेकिन उल्टी और चक्कर की वजह से और ज्यादा परेशानी बढ़ गई जिस को मध्य नजर रखते हुए डॉ एमपी सिंह ने जीवन रक्षक घोल बना कर दिया तथा गैस निवारण का उपचार किया हाथ और पैरों की सूखी मालिश की पैरों को हृदय से थोड़ा ऊंचा किया सम्मान सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अंदर के डर को निकाला और 20-25 मिनट में कोमल को आराम आ गया जिससे सभी प्रतिभागियों ने राहत की सांस ली  इस अवसर पर डॉ एमपी सिंह ने सभी प्रतिभागियों को सचेत करते हुए कहा कि अधिकतर विद्यार्थी उटपटांग चीजों को खा लेते हैं  मिर्च मसाले और तली चीजों का अधिक सेवन करते हैं जिनको घर का बना हुआ खाना रास नहीं आता है उनके  पेट मे तेजाब बनना शुरू हो जाता है जिससे पेट में जलन होती है जी मचलता है उल्टी करने को दिल करता है आंखों में भी जलन शुरू हो जाती है सिर चकराने लगता है खट्टी डकार आने लगती है मुंह से पानी निकलने ल

52 सप्ताह 52 पाठशाला के तहत किया गया कार्यक्रम- डॉ एमपी सिंह

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12 मार्च 2023 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज सीटीआर मे संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने बताया की हर रविवार को किसी ना किसी जगह 52 सप्ताह और 52 संस्कार की पाठशाला के तहत कार्यक्रम किया जाता है जिसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों पढ़ाने वाले अध्यापकों व अभिभावकों को संस्कार की बातों से अवगत कराया जाता है आज सीटीआर में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं और अध्यापकों को संस्कारों के बारे में शिक्षा देते हुए कहा कि स्वास्थ्य शरीर में स्वस्थ विचार पैदा होते हैं इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग और मेडिटेशन करना चाहिए संतुलित आहार लेना चाहिए समय पर ताजा भोजन करना चाहिए समय पर नींद लेनी चाहिए तली और बासी चीजों से दूर होना चाहिए तामसी भोजन नहीं करना चाहिए मीट मास अंडा बीड़ी सिगरेट तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए अनावश्यक सोशल मीडिया पर नहीं रहना चाहिए जरूरत पड़ने पर सोशल मीडिया से को गुरु मानते हुए अपनी समस्याओं का समाधान कर लेना चाहिए ब्रह

डबुआ कॉलोनी में संस्कार कार्यशाला का आयोजन किया गया -डॉ एमपी सिंह

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6 फरवरी 2023 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के द्वारा डबुआ कॉलोनी में संस्कार कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने अध्यापकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अध्यापकों को सबसे पहले संस्कार पर कार्य करना चाहिए यदि विद्यार्थी में संस्कार पड़ जाते हैं तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होती है संस्कार विहीन बच्चों को पढ़ाना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए 3 से 6 साल की उम्र में विद्यार्थियों को पढ़ाना नहीं चाहिए बल्कि उनकी आदतों मैं परिवर्तन करना चाहिए क्योंकि इस उम्र में विद्यार्थी देख कर ही सीखते हैं कुछ बच्चे माता-पिता बनकर खेल खेलते हैं तो कुछ डॉक्टर और मरीज बनकर खेल खेलते हैं कुछ टीचर और विद्यार्थी बनकर खेल खेलते हैं तो कुछ विक्रेता और खरीददार बनकर खेल खेलते है इसलिए इस उम्र की बच्चों के सामने बहुत संयमित रहने की जरूरत है डॉ  एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा यदि इस उम्र में अध्यापक दो और दो पांच पढ़ाते हैं और घर में पढ़े लिखे लोग दो और दो चार पढ़ाने की कोशिश करते हैं तो बच्चा नहीं मानता है वह कहता है मेरी