दबाव और प्रभाव में पुलिस द्वारा दी जाने वाली प्रताड़ना उचित नहीं -डॉ एमपी से
अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह का कहना है कि दबाव और प्रभाव में अधिकतर पुलिस कर्मचारी और अधिकारी एक तरफा फैसला लेना और सुनाना शुरू कर देते हैं निर्दोष दूसरे पक्ष को प्रताड़ित करके कसूरवार घोषित कर देते हैं जिसकी वजह से वह अवसाद का शिकार बन जाता है और आजीवन उस दुख तकलीफ से बाहर नहीं निकल पाता है तथा उसके मन से बददुआ निकलती रहती हैं जिसका कुप्रभाव कहीं ना कहीं देखने को अवश्य मिल ही जाता है डॉ एमपी सिंह ने अनेकों बार देखा है कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी यह कहकर पीछा छुड़ा लेते हैं कि मिनिस्ट्री से फोन आया है और बड़े अधिकारियों का दबाव है इसलिए हम असमर्थ हैं इसमें सच्चाई क्या है यह तो पुलिस कर्मचारी और अधिकारी ही जानते हैं उनके नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं या यही वास्तविकता है डॉ एमपी सिंह ने अनेकों केसों में देखा है कि महिला, पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों की मौजूदगी में दूसरे पक्ष को गाली गलौज करके जूते दिखा कर जलील करती हैं और पुलिस देखती रहती है यदि दूसरा पक्ष अपनी सफाई पेश करना चाहता है तो क