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Showing posts from August, 2022

पुलिस की सफलता और असफलता उसकी बुद्धि और विवेक पर निर्भर करती है - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष वे देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग पुलिस को गुमराह करने में और ध्यान भटकाने में लगे रहते हैं जिन शरारती तत्वों की अच्छे भले मानस के साथ में अनबन हो जाती है वह गलत हथकंडो को अपनाकर उस सम्मानित व्यक्ति को अपमानित व निर्लज्ज करना चाहता है जिसके लिए वह  पुलिस कर्मचारियों और  अधिकारियों का सहारा लेता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जल माफिया भू माफिया खनन माफिया शराब माफिया ड्रग्स माफिया रेत माफिया शिक्षा माफिया स्वास्थ्य माफिया मिलावट खोर सूदखोर रेपिस्ट सट्टा का काम करने वाले जुआ खिलाने वाले चोर डकैत लुटेरे जेब काटने वाले सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले अपने कारोबार को चलाने के लिए पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों से सांठगांठ रखते हैं ताकि उनका काला धंधा चलता रहे यदि कहीं पर किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है तो जनप्रतिनिधियों का सहारा लेकर अपना काम आसानी से निकाल लेते हैं तथा मित्रता बनाने में कामयाब हो जाते हैं फिर वही समाज के ठेकेदार भी बन जाते हैं पुलिस भी उन लो

Civil Defense Training Can Give Relief In Emergency - Dr MP Singh

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Dr MP Singh chief warden civil defense and subject expert disaster management has organized the seminar on civil defense and disaster management at Gsss Seekri.  Dr MP Singh said that civil defense is an effort to protect the citizens of a state measures not amounting to actual combat for providing protection to person, property ,place, against hostile attacks and during internal disterbancces.  Aim and objects  To save lives  Minimize damages property.  To maintain continuity of production.  To keep up morals of the public.  To keep maintain law and order.  Roll of civil defense  As per high power Commetti  Educating the community  Awareness in schools  Sensitising Govt. servent as well as residents.  Self capacity building. 

शाहजहांपुर के सरकारी स्कूल में जल के महत्व पर सेमिनार का आयोजन - डॉ एमपी सिंह

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अंबाला जिले के शाहजहांपुर स्थित राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मैं जल के महत्व पर सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जमीन में जल की कमी आ चुकी है और उद्योग धंधों की वजह से जल प्रदूषित हो चुका है पीने के लिए भी जल खरीदना पड़ रहा है इसलिए हम सभी को जागरूकता का परिचय देना है तथा अन्य लोगों को जल बचाने के लिए जागरूक करना है  डॉ एमपी सिंह ने कहा कि हमें अपने घर के फर्श को पाइप से धुलाई करके साफ नहीं करना चाहिए बल्कि एक बाल्टी में पानी लेकर पोछा भिगोकर और निचोड़कर फर्श की सफाई करनी चाहिए अपने वाहनों की धुलाई भी गली में पाइप लगाकर नहीं करनी चाहिए बल्कि गीला कपड़ा करके वाहन को पोछना चाहिए कोलगेट करते समय नल चलता हुआ नहीं छोड़ना चाहिए हाथ धोते समय टूटी चलती नहीं रहनी चाहिए नहाते समय अब्बारे का प्रयोग नहीं करना चाहिए   बाल्टी में पानी लेकर छोटा मग या गिलास से अपने शरीर पर पानी डालकर स्नान करना चाहिए कपड़े धोने के बाद बचे हुए पानी का प्रयोग बागवानी के लिए करना चाहिए बर्तन धोते समय टेप को चलता हुआ

सुगम न्याय से सुगम जीवन दिया जा सकता है - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर पीड़ित लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से वह शहर और गांव छोड़ जाते हैं और अनेकों लोग अपघात कर लेते हैं इसलिए न्याय प्रणाली को सुगमता से कार्य करना चाहिए ताकि अन्य लोगों का जीवन सुगम हो सके  डॉ एमपी सिंह ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अधिकतर पीड़ित लोगों की पुलिस चौकी और थाने में एफ आई आर ही नहीं लिखी जाती है न्यायालय तक पहुंचना तो बहुत दूर की बात है यदि पीड़ित उच्च अधिकारियों के पास अपनी गुहार अर्थात प्रार्थना लेकर जाते हैं तो वहां पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है कई दिनों तक पूरे दिन बैठकर और इंतजार करके चले आते हैं लेकिन अधिकारियों से मुलाकात ही नहीं हो पाती है यदि मुलाकात हो भी जाती है तो वह उस प्रार्थना पत्र को उसी अधिकारी के लिए मार्क कर देते हैं जिस अधिकारी से पीड़ा है और झूठा आश्वासन दे देते हैं कि अब आपकी प्रार्थना पर कार्यवाही होगी लेकिन वहां जाकर तो और परेशानियों का सामना करना पड़ता है बल्कि अनाप-शनाप बातों को भी सुनना पड़

लोकदीप स्कूल में फायर सेफ्टी पर सेमिनार का आयोजन किया गया - डॉ एमपी सिंह

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बल्लभगढ़ स्थित सीबीएसई से एफिलिएटिड लोकदीप स्कूल में फायर सेफ्टी पर सेमिनार और मॉक ड्रिल का आयोजन चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह के द्वारा किया गया  जिसमें लगभग 700 विद्यार्थियों और 25 अध्यापकों ने भाग लिया जिसमें सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों ने आग बुझाने के तरीके सीखें तथा फायर यंत्रों को चलाने का अभ्यास किया ताकि आपातकालीन स्थिति में आग पर काबू पाया जा सके  डॉ एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पहले आग सुलगती है यदि उसी समय उस पर काबू पा लिया जाए तो बड़ी आग देखने को नहीं मिलेगी और भारी नुकसान भी नहीं होगा लेकिन जागरूकता के अभाव में भारी नुकसान हो जाता है जिसकी भरपाई करना मुश्किल हो जाता है  डॉ एमपी सिंह ने बताया कि अधिकतर लोग एक दूसरे से जलते हैं जिसकी वजह से चोरी छुपे आग की साजिश रच देते हैं या तो वह शॉर्ट सर्किट से हो जाती है या मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी जाती है जिसमें कई बार सरकारी संपत्ति भी लपेट में आ जाती है जोकि उचित नहीं है हमें ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए और ऐसा गलत कार्य कभी नहीं करना चाहिए आगजनी घटनाओं को जन्म नहीं देना चाह

शास्त्री कॉलोनी में जल अभाव के कारण लोग हो रहे हैं अत्यंत दुखी - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि कई महीनों से शास्त्री कॉलोनी में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है जिसकी वजह से मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है चारों तरफ त्राहि-त्राहि मच रही है अधिकतर बुजुर्ग महिला बच्चे सड़क पर आ चुके हैं लेकिन फिर भी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है जो कि जनहित में नहीं है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि मनुष्य के शरीर में जल की मात्रा 65% होती है रक्त के संचालन शरीर के विभिन्न अंगों को स्वस्थ रखने के अतिरिक्त शरीर की अन्य प्रक्रियाओं के लिए जल की समुचित मात्रा की आवश्यकता होती है इसके अभाव में मनुष्य की मृत्यु हो जाती है कार्य करते समय शरीर से पसीना के रूप में पानी बाहर निकलता है इसकी पूर्ति के लिए नियत समय पर पानी पीते रहना जरूरी है स्वस्थ मनुष्य को कम से कम 4 से 5 लीटर पानी पीना चाहिए भोजन पकाने कपड़ा धोने हाथ मुंह धोने नहाने साफ सफाई करने आदि के लिए पानी की बेहद जरूरत पड़ती है गाय भैंस रखने वाले या पशुओं को पालने वाले लोगों को अधिक मात्रा

एकलव्य इंस्टिट्यूट में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट की तरफ से एकलव्य इंस्टिट्यूट में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया  जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि गुटका पान तंबाकू कैंसर ही नहीं बल्कि नपुंसकता का भी कारक है इसलिए हमें गुटका पान तंबाकू नहीं खाना चाहिए  डॉ एमपी सिंह ने कहा कि यह एक धीमा जहर है जो धीरे-धीरे आप के सभी अंगों को नुकसान पहुंचाता है अगर आप इस नशे के शौकीन हैं तो बिल्कुल छोड़ दें क्योंकि पहले इसका प्रयोग घोड़े के पेट में कीड़ों को मारने के लिए किया जाता था लेकिन आज अधिकतर भारतीय लोग अपने गम को कम करने और दूसरों को नीचा दिखाने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं इसके सेवन से प्रतिवर्ष लगभग एक लाख लोग मारे जा रहे हैं  डॉ एमपी सिंह ने कहा कि इसके सेवन से मुंह गला कंठ नली खाद्य नली पेनक्रियाज फेफड़ा गुर्दा और मूत्राशय का कैंसर हो जाता है  सांस लेने में तकलीफ होती है  पुरुषों में नपुंसकता आ जाती है  महिलाओं में जनन क्षमता में कमी हो जाती है  आंखों के पास झुर्रियां पढ़ जाती हैं  सांस में बदबू आने लगती है   घर में धूम्रपान करन

सुख दुख का कारण प्रतिस्पर्धा है - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि सुख दुख का कारण प्रतिस्पर्धा होती है यदि प्रतिस्पर्धा में आदमी जीत जाए तो सुख महसूस होता है और यदि इंसान हार जाए तो दुख महसूस होता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रतिस्पर्धा बचपन से ही शुरू हो जाती है छोटा बच्चा जब खिलौने से खेलता है तो पड़ोस में खेलने वाले बच्चे के खिलौनों से प्रतिस्पर्धा की जाती है अन्य बच्चों के कपड़ों से प्रतिस्पर्धा की जाती है जब बच्चा स्कूल जाने लगता है तो अच्छे स्कूल में दाखिला कराने की प्रतिस्पर्धा होने लगती है खेलकूद अकादमी ज्वाइन कराने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है जब बच्चा और बड़ा होता है तो उसे इंजीनियर डॉक्टर बनाने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है कुछ आईएएस आईपीएस आईआरएस आईएफएस नेता अभिनेता वैज्ञानिक आदि बनाने की होड़ में लग जाते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब वे धन कमाने लग जाता है तो मकान दुकान फैक्ट्री बनाने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है फिर बच्चों की शादी की प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है दान दहेज की  प्रतिस्पर

पूरी जिंदगी कमाने वाला बोझ बन जाता है - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि इंसान पूरी जिंदगी झूठ सच बोल कर अधिक से अधिक धन कमाने में लगा रहता है बड़ी गाड़ी खरीदता है बड़ा बंगला बनाता है बड़ा व्यापार करता है बड़े लोगों को होटल और क्लब में खाना खिलाता है हवाई जहाज में यात्रा करता है लेकिन जैसे-जैसे बुढ़ापा आता जाता है कार्य करने की ऊर्जा कम होती जाती है हाथ पैर जवाब दे जाते हैं दांतो से कुछ खाया नहीं जाता है आंखों से दिखाई नहीं पड़ता है शरीर जर्जर अवस्था में हो जाता है उठने बैठने में असमर्थ हो जाता है बोलने चलने में असमर्थ हो जाता है सोचने समझने में असमर्थ हो जाता है हर तरीके से वह पराधीन हो जाता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यह कहानी अधिकतर लोगों के साथ गुजरती है अपने बच्चों के लिए अरबों खरबों कमाकर बैंक बैलेंस कर देता है करोड़ों रुपए की ज्वेलरी खरीद कर बैंकों में के लॉकर में जमा कर देता है अरबों खरबों की एफडी जमा कर देता है बड़े-बड़े फार्म हाउस बना लेता है जेड सिक्योरिटी रख लेता है गनमैन रख लेता है अनेकों नौकर चाकर रख लेता

गोल्डन ऑक स्कूल में सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न प्रतियोगिताएं कराई गई - डॉ एमपी सिंह

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पुलिस आयुक्त के दिशा निर्देशानुसार डॉ एमपी सिंह ने गोल्डन ऑक पब्लिक स्कूल में सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जिसमें लगभग 150 विद्यार्थियों ने भाग लिया जिसमें भाषण प्रतियोगिता में आठवीं कक्षा से मानव कुमार झा सुपुत्र   ललन कुमार झा प्रथम  नवमी कक्षा से मुस्कान सुपुत्री नरेश कुमार माथुर दुतीय तथा प्रशांत सुपुत्र विष्णु और अभिमन्यु सुपुत्र किंडर लाल तृतीय रहे सड़क सुरक्षा के चिन्ह और प्रतीकों के बारे में जानकारी देने के लिए प्रतियोगिता कराई गई जिसमें प्रिंस सपुत्र नरेश प्रथम दीपक सपुत्र अश्वनी द्वितीय देवांशु सुपुत्र वीरेंद्र सिंह तृतीय रहे पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में विपिन सपुत्र बल्लू प्रथम आंचल सपुत्री गुड्डू द्वितीय रितु सुपुत्री संजय तृतीय रहे उक्त प्रतियोगिता में पूजा गुरमीत सिंह पंकज यादव नंदिनी रितु का विशेष सहयोग रहा इस अवसर पर विद्यालय के मैनेजर दीपांशु दूरेजा ने भी अपना वक्तव्य रखा तथा विद्यालय की प्रधानाचार्य शशि दूरेजा ने धन्यवाद किया 

Don't Compromise With Ethics - Dr MP Singh

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि आचार विचार से कभी समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि जो आपके भाग्य में लिखा है वही होना है जो आपके नसीब में है उसे कोई छीन नहीं सकता है और जो आपके नसीब में नहीं है उसे कोई दिला नहीं सकता है इसलिए सिद्धांत और नियमों को कभी नहीं तोड़ना चाहिए  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सिद्धांत विहीन बड़े-बड़े लोग धरा शाही हो गए क्योंकि उन्होंने पैसे कमाने के लिए समझौते किए कुछ लोग जेल चले गए और कुछ भारत छोड़कर भाग गए जो भारत छोड़कर चले गए हैं वह वहां पर सजा काट रहे हैं छूपकर रह रहे हैं जिस दिन इंडिया आएंगे उस दिन वह तिहाड़ जेल में चले जाएंगे और उनके साथ उनका साथ देने वाले भी जेल में चले जाएंगे इसलिए कोई भी कार्य ऐसा ना करो जिसके लिए आप को जेल जाना पड़े  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आप चाहे कहीं पर भी कार्य करें और कोई भी कार्य करें अपने कार्य को नैतिकता के आधार पर ईमानदारी से करें  नैतिकता आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों जीवन में अत्यंत महत्व रखती है जो उनका अनुसरण करता

खुश रहने के लिए सब्र और संतोष का होना बहुत जरूरी है - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर आरपी सिंह का कहना है कि खुश रहने के लिए सब्र और संतोष का होना बहुत जरूरी है जो प्रभु परमात्मा ने आपको दिया है वह कम नहीं है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जिसका दिल और दिमाग ठीक है जो अच्छे बुरे में अंतर कर सकता है जो सत्य और असत्य को पहचान सकता है जो अपने और पराए में अंतर कर सकता है वह बहुत अच्छा इंसान है और वह आसानी से खुश रह सकता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रकृति की रचना में सभी को सब कुछ नहीं मिलता है किसी को परमात्मा धन नहीं देता है तो किसी को शिक्षा नहीं देता है किसी को आंख नहीं देता है तो किसी से हाथ छीन लेता है किसी से खुशी छीन लेता है तो किसी से दिमाग छीन लेता है इसलिए कभी निराश ना हो जिनसे छीन लिया है वह भी इतिहास के पन्नों में अमर हो चुके हैं  डॉ एसपी सिंह का कहना है कि यह सिर्फ सोच का फर्क होता है मदद करने से जो खुशी मिलती है वह कहीं पर भी नहीं मिलती है इसलिए बिना टर्म और कंडीशन के असहाय दलित गरीब बेसहारा दिव्यांग बेरोजगार इंसान की मदद करो मदद किसी

Respect To Every Woman -Dr MP Singh

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है यदि आप अपने घर की खुशी चाहते हो तो औरतों का सम्मान करो क्योंकि औरत आपके वंश को चलाती है उन बच्चों की परवरिश करती है उन बच्चों को पढ़ाती लिखाती है खेलना कूदना बोलना चालना कपड़े पहनना आदि सिखाती है सुबह का अलार्म भी है जो कि समयानुसार सबको जगाती है घर में जो बड़े बूढ़े होते हैं उनके लिए नर्स भी है उनकी देखरेख भी करती है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि औरत भूखी प्यासी रहकर आपकी इज्जत को ढकती है आपके घर में आने वाले मेहमानों की मेहमान नवाजी करती है अपने पति की हर खुशी का ध्यान रखती है पहले आप सभी को भोजन कराती है बाद में बचे कचे भोजन से अपना पेट भर्ती है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि औरत घर की साफ- सफाई ,झाड़ू -पोछा, कपड़े धोना, रोटी बनाना, बर्तन साफ करना, पानी भरना ,सब्जी काटना, कपड़ों पर प्रेस करना  व अन्य सभी घरेलू कामों को स्वयं करती रहती है जिसके लिए उसे कोई वेतन भत्ता या पेमेंट नहीं मिलती है बिना वेतन के 24 घंटे जी हजूरी तथा कार्य करती है लेकिन फिर भी अधिकत

पीएम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसपीजी और एनएसजी की जमीन से आसमान तक चप्पे-चप्पे पर नजर - डॉ एमपी सिंह

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चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने आगाह करते हुए कहा कि पीएम मोदी के फरीदाबादआगमन को कोई हल्के में ना लें प्रधानमंत्री की रक्षा और सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ बीएसएफ सीआरपीएफ आईपीएस एसपीजी और एनएसजी के सैनिक और कमांडो  अस्त्र शस्त्रों के साथ लैस होते हैं और आतंकवादी को नजर झपकते ही ठिकाने लगा देते हैं इसलिए कोई भी शैतानी करने की कोशिश ना करें  डॉ एमपी सिंह ने कहा कि पीएम के इर्द-गर्द जेड प्लस सिक्योरिटी तथा प्रशिक्षित स्पेशल फोर्स का एक ऐसा घिरा होता है जिसकी इजाजत के बिना कोई भी परिंदा पैर नहीं मार सकता है कुछ वर्दी में होते हैं तथा कुछ सिविल में होते हैं कुछ ने ऐसे चश्मे लगाए होते हैं जिनसे वह आसपास की सभी गतिविधियों को बहुत अच्छी तरीके से देखते रहते हैं और किसी को महसूस भी नहीं होने देते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि पीएम सुरक्षा के जवानों ने एल्बो गार्ड पहने होते हैं जिसकी वजह से जमीन पर चलते समय  फिसलते नहीं है और हाथों में विशेष प्रकार के दस्ताने पहने होते हैं जिससे कि हथियार चलाते समय हथियार फिसलता नहीं है अधिकतर सभी जवान मार्शल आर्ट में महारत हास

क्रोध करने की वजह से डॉक्टर और वकील के पास जाना पड़ता है - डॉ एमपी सिंह

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लाइफ कोच मोटिवेशनल स्पीकर डॉ एमपी सिंह का मानना है कि डॉक्टर की दुकान तभी चलती है जब आम आदमी अधिक क्रोध करने लगता है क्योंकि क्रोध करने से तनाव होता है बीपी हाई होता है डायबिटीज हो जाती है जिसके लिए डॉक्टर से कंसल्ट करना होता है है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि क्रोध में कोई भी इंसान अपना आपा खो बैठता है और अनाप-शनाप गाली गलौज करने लगता है या अन्य लोगों को मारने पीटने लगता है व घरेलू वस्तुओं को तोड़ने लगता है जिसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान उठाना पड़ता है कई लोग उसकी शिकायत पुलिस से कर देते हैं जब समझौता नहीं होता है तो वह केस किसी वकील के पास चला जाता है और खाकी वर्दी व कालाकोट दोनों मिलकर सबक सिखाने की भारी-भरकम रकम खींच लेते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब सफेद कोट खाकी वर्दी और काले कोट से पेश नहीं पड़ती है तो वह इंसान आत्मघात कर लेता है या तो वह रेल के नीचे आकर कटकर मर जाता है या फांसी के फंदे पर झूल जाता है या नहर मैं जाकर छलांग लगा देता है या मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेता है जिसकी वजह से पूरा परिवार तबाह हो जाता है और घर घेर सब कुछ बिक जाता है  डॉ एमपी सिंह का क

Personality Can Be Judge By Dress or Address - Dr MP Singh

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लाइफ कोच और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ एमपी सिंह का कहना है कि किसी भी व्यक्ति की वेशभूषा और रहन-सहन से उसके व्यक्तित्व का पता चलता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति एक करोड़ की गाड़ी में चलता है लाख 50 हजार के कपड़े पहनता है महंगी घड़ी पहनता है गले में सोने की जंजीर डालता है महंगे जूते पहनता है तो यकीनन वह अमीर आदमी है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति सेक्टर में 1000 -2000 गज की कोठी मैं रहता है आए दिन हवाई यात्रा करता है बड़े होटलों में अपने परिवार के साथ खाना खाता है अपने इष्ट मित्रों को भी खाना खिलाता है यकीनन वह अमीर आदमी है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि खर्चा इंसान तभी कर सकता है जब उसकी इनकम होती है अन्यथा वह कंजूसी ही दिखाता रहता है एक जोड़ी कपड़ों को ही बार-बार धो कर पहनता रहता है झोपड़ी में रह लेता है बासी दाल चावल रोटी को भी शौक से खा लेता है नहाने और कपड़ा धोने के लिए भी पानी नहीं होता है फटे पुराने कपड़े व टूटी चप्पल पहनकर ही गुजर बसर करता है यकीनन वह गरीब आदमी है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब भी कोई बड़ा आदमी बनता है तो सबसे पहले ड्रेस मैं ही स

पब्लिक स्पीकिंग को अधिकतर लोग दुनिया का सबसे बड़ा डर मानते हैं - डॉ एमपी सिंह

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लाइफ कोच व मोटिवेशनल स्पीकर डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग समाज के सामने मंच पर बोल नहीं पाते हैं उनके हाथ और पैर कांपने लग जाते हैं जो बोलना चाहते हैं वह शब्द नहीं निकल पाते हैं बोली में भटकाव   आ जाता है सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात को नहीं रख पाते हैं इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि बोलना एक कला है जिसको किसी भी उम्र में सीखा जा सकता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रभावी बोलचाल के तरीके इंसान को कामयाब बनाते हैं प्रभावी भाषण जब होता है जब हजारों की संख्या में लोग सांस रोककर आपको सुनने लगे यदि आपके भाषण देने के दौरान लोग उठ कर चल देते हैं या आपस में बात करना शुरू कर देते हैं या आप पर पत्थर फेंकना शुरू कर देते हैं तो समझ लीजिए कि आप के भाषण में ताकत नहीं है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर नेता  अपने भाषण के कारण ही समाज में अपना वर्चस्व बनाते हैं और जीत कर विधानसभा तथा संसद में पहुंच जाते हैं अभिनेता भी अपने डायलॉग व प्रभावी बोली भाषा के कारण ही अरबों खरबों पति बन जाते हैं और उनको सुनने के लिए टेलीविजन के सामने बैठे रहते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि बचपन से ह

Know Success Secrets By Life Coach Dr MP Singh and Renound Educationist

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लाइफ कोच और बिजनेस कंसलटेंट डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर लोग सफलता के रहस्य  को नहीं जानते हैं कुछ लोग अपनी नौकरी में इंक्रीमेंट और प्रमोशन तो चाहते हैं लेकिन उसके लिए क्या करना होता है उसका पता नहीं है कुछ लोग बड़े आर्टिस्ट बहुत बड़े संगीतकार बहुत बड़े खिलाड़ी बहुत बड़े नेता और अभिनेता तो बनना चाहते हैं लेकिन कैसे बनेंगे यह पता नहीं है उक्त सभी का रहस्य बताने के लिए यह लेख प्रकाशित किया गया है  डॉ एमपी सिंह ने उक्त सभी प्रश्नों के जवाब देने के लिए 1987 में ही सफलता का रहस्य नामक एक पुस्तक लिखकर प्रकाशित कर दी थी लेकिन फिर भी समय-समय पर लेखों के माध्यम से कामयाबी के सूत्रों को बताते रहते हैं उनका कहना है  कि जब तक जुनून नहीं होता है तब तक कामयाबी नहीं मिलती है आमतौर पर तो सभी काम करते ही हैं और रात को स्वप्न लेते हैं सुबह सब कुछ भूल जाते हैं  डॉ एमपी सिंह ने बताया कि  मैं जब अपना गांव छोड़कर फरीदाबाद आया था तब एक छोटे से स्कूल से अपना कैरियर 40 साल पहले शुरू किया था और एक छोटा सा मकान किराए पर लिया था लेकिन आज सेक्टरों में कोठियां हैं और सम्मानित जिंदगी जी रहे हैं क्योंकि मन में च

Tough Time Is Your Training Period For Success -Dr MP Singh

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लाइफ कोच और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जो लोग आपकी बुराई करते हैं आप पर उंगली उठाते हैं आप से नफरत करते हैं आपको गुस्सा दिलवाते हैं आपके बारे में बुरा भला कहते हैं आपकी निंदा करते हैं आप की चुगली करते हैं आपके कार्य में बांधा डालते हैं आपको जलील करते हैं आपको सोचने और समझने पर मजबूर करते हैं वही लोग आपकी सफलता का रास्ता तैयार कर रहे हैं  क्योंकि आप उन सभी परेशानियों से बाहर निकलकर एक आदर्श स्थापित करना चाहते हो उनकी नजरों में सही बनना चाहते हो इसीलिए 24 घंटे उन्हीं समस्याओं के समाधान के बारे में सोचते रहते हो किताबों का अध्ययन करते रहते हो अच्छे महापुरुषों का सानिध्य लेते रहते हो और 1 दिन आगे निकल जाते हो  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जिन लोगों के जीवन में टफ टाइम नहीं आता है हारी बीमारी दुख दर्द व गरीबी नहीं आती है वह इतनी जल्दी कामयाब नहीं हो पाते हैं क्योंकि जिसकी गाड़ी में पिंचर हो जाता है वह टायर बदलना सीख लेता है जिसका हाथ या पैर कट जाता है उसको दर्द का एहसास होता है इसलिए वह दर्द निवारक गोली खाकर दर्द को दूर कर लेता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अच्छा

कौन है वह जिस पर विश्वास किया जा सके- डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि ब्राह्मण की तपस्या  के बाद उसको अमरफल प्राप्त हुआ उसने सोचा कि मैं इस अमरफल को खा कर क्या करूंगा अपने देश के राजा को दे देता हूं वह बहुत अच्छे और सच्चे इंसान हैं और इसको खाने के बाद वह अमर हो जाएंगे तो प्रजा को ज्यादा सुख दे पाएंगे इस सोच के साथ उसने राजा को अमरफल दे दिया  राजा ने वह अमरफल अपनी रूपवती पत्नी को दे दिया ताकि अधिक लंबे समय तक हम अपना जीवन यापन अच्छे तरीके से कर सके  रानी ने वह अमरफल अपने प्रेमी कोतवाल को दे दिया ताकि मैं इसके साथ अधिक समय तक आनंद की अनुभूति कर सकूं  कोतवाल ने वह अमरफल अपनी प्रेमिका नृत्यकी को दे दिया ताकि अधिक लंबे समय तक हमारा आपस का प्यार चलता रहे  नृत्य करने वाली ने सोचा कि मैं इस अमरफल को खा कर क्या करूंगी इसको राजा को दे देती हूं ताकि राजा अमरत्व को प्राप्त हो जाए और प्रजा की देखभाल सही तरीके से करते रहें इसलिए उसने उस अमरफल को राजा को दे दिया  राजा ने उस अमरफल को जब देखा तो वह भौचक्का रह गया और सोचने ल

जिंदगी का सफर सड़क के सफर के समान है -डॉ एमपी सिंह

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लाइफ कोच व बिजनेस ट्रेनर डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब आप सड़क पर चलते हो तो अनेकों प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है कहीं पर स्पीड ब्रेकर आते हैं तो कहीं पर ट्रैफिक लाइटों का सामना करना पड़ता है कई बार सड़कों के गड्ढों की वजह से गाड़ी की स्पीड को कम करना पड़ता है तो कहीं खुली और चौड़ी सड़क पर सरपट दौड़ाना पड़ता है कई बार सड़क वन वे होती है जिसमें हमें बहुत सावधानी से दूसरे वाहनों से बचकर निकलना होता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि किसी भी प्रकार की समस्या जब समाज के लोगों को हो जाती है तो वह सड़क पर धरना प्रदर्शन के लिए बैठ जाते हैं और सरकार को चेतावनी देने के लिए सड़क को जाम कर देते हैं जिसकी वजह से कई घंटों तक भूखे प्यासे सड़क पर रहना पड़ जाता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यात्रा के दौरान आपको भूख प्यास टॉयलेट और बाथरूम लगती है तब आप अपने वाहन को किसी रेस्टोरेंट या सार्वजनिक प्लेस पर रोक कर अपना खाना पीना करते हैं जब गाड़ी का डीजल और पेट्रोल खत्म हो जाता है तो पेट्रोल पंप पर जाकर डीजल और पेट्रोल डलवाते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है अनेकों बार देखा गया है कि भारी तूफान की वज

जाने कामयाब कौन है और कामयाबी का पैरामीटर क्या है- डॉ एमपी सिंह

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लाइफ कोच व बिजनेस ट्रेनर डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब आपके कार्य से दूसरे लोगों को मजा आने लगे तो समझना कि आप कामयाबी के रास्ते पर चल रहे हो यदि आप अध्यापक हैं आपके पढ़ाने पर विद्यार्थियों को मजा आने लगे और वह अपने माता पिता से आपकी प्रशंसा करने लगे तो समझना कि आप कामयाब अध्यापक हो  यदि आप डॉक्टर हैं और आपकी दवाई से रोगी को आराम मिलने लगे तथा आपकी वाणी सुनकर रोगी को आनंद आने लगे और रोगी 10 लोगों से आपकी अच्छाई की चर्चा करने लगे तो समझ लेना कि आप कामयाब डॉक्टर हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि हर किसी व्यक्ति में कोई एक खूबी अवश्य होती है लेकिन हम उस खूबी  पर कार्य ना करके उसकी कमजोरी पर कार्य करते रहते हैं इसीलिए हम कामयाब नहीं हो पाते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि टीवी देखना भी बुरी बात नहीं है जो लोग टीवी देख कर अपने ज्ञान को बढ़ाते हैं और महत्वपूर्ण सूचनाओं को जन जन तक पहुंचाते हैं तो वह कामयाब इंसान हो जाते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि चाहे खेल जगत हो या विज्ञान के चमत्कार   साहित्य और कला की बात हो या रक्षा और सुरक्षा की बात हो राजनेता की बात हो या अभिनेता की बात ह

जाने कौन आपके काम आता है कौन नहीं -डॉ एमपी सिंह

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लाइफ कोच व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि इंसान पूरी जिंदगी अधिकतम लोगों की मदद करने में लगे रहते हैं लेकिन समय पड़ने पर बहुत सारे लोग दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ते हैं कुछ चंद लोग ही विपदा की घड़ी में साथ खड़े हुए दिखाई देते हैं  डॉ एमपी सिंह ने एक उदाहरण देते हुए समझाया है की जब कोई व्यापारी अपने माल को बेचने के लिए पब्लिसिटी कराता है होल्डिंग्स लगवाता  है पंपलेट बटवा ता है  टेलीविजन और अखबार में  एडवर्टाइजमेंट कराता है तो देखा गया है कि सिर्फ 4% लोग ही उस एडवर्टाइजमेंट के माध्यम से उस सामान को खरीदते हैं ऐसा ही जीवन के साथ होता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब आप नेटवर्किंग के माध्यम से अपना प्रोडक्ट या इंश्योरेंस पॉलिसी बेचना चाहते हो तब भी यही रेट निकल कर आता है जब आप 100 लोगों को प्लान दिखाते हो तब 4 लोग ही आपके साथ जुड़ पाते हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि वह कौन से चार लोग हैं इसलिए आप बार-बार लोगों को प्लान दिखाते रहते हो यदि हमें पता चल जाए कि यही वे 4 लोग हैं तो हम अनायास अन्य लोगों पर अपना समय क्यों खर्च करेंगे 

हर किसी की आंख में कैमरा फिट है और आपकी हर गतिविधि पर नजर है - डॉ एमपी सिंह

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लाइफ कोच व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि सभी की आंखों में कैमरा फिट है और सभी की गतिविधियों को उसमें कैद किया जा रहा है इसलिए संभल कर कार्य करें  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब आप अपना फोटो खिंचवा रहे होते हो तो आप हंसते और मुस्कुराते हो क्योंकि आपको पता है कि आज के बाद भी बहुत सारे लोग इस फोटोग्राफ को देखेंगे और इस पर अपने कमेंट भी करेंगे लेकिन आप भूल जाते हैं कि जब आप घर से बाहर निकलते हैं और पड़ोसी आप को नमस्ते करते हैं तब आप सिर हिला देते हैं और नमस्ते का जवाब मुस्कुराकर नहीं देते हैं वह ज्यों का त्यों फोटो उनकी नजरों में खिंच जाता है और उनके स्तर पटल मैं कैद हो जाता है जिससे आगे का व्यवहार भी उसी आधार पर निर्धारित हो जाता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि यदि आप दुकानदार हैं तो मुस्कुराते हुए अपने प्रोडक्ट को  बेचे  आपके ग्राहक और बढ़ सकते हैं यदि आप डॉक्टर हैं तो रोगी के साथ मुस्कुराकर ही हालचाल पूछें और उसके चेहरे पर भी मुस्कुराहट लाने की कोशिश करें यदि आप अध्यापक हैं तो मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ ही विद्यार्थियों को बढ़ाएं क्यो

सोच को बदलने से सितारे बदल जाते हैं - डॉ एमपी सिंह

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एकलव्य इंस्टीट्यूट के संस्थापक व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने एंटरप्रेन्योरशिप के तहत उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि  सोच को बदलने से सितारे बदल जाते हैं  डॉ एमपी सिंह ने एक उदाहरण के माध्यम से समझाया कि दो व्यापारी व्यापार करने के लिए निकले और ऐसे स्थान पर पहुंच गए जहां पर किसी के पैरों में चप्पल और जूते नहीं थे तब एक व्यापारी ने कहा कि यहां पर हमारा व्यापार नहीं चलेगा क्योंकि यहां के लोग चप्पल और जूते पहनते ही नहीं है दूसरे व्यापारी ने कहा कि यहां पर हमारा व्यापार बहुत अच्छा चलेगा क्योंकि सभी लोग हमारा इंतजार कर रहे हैं कि कब हमें हमारे यहां पर कोई जूते चप्पल बनाने की फैक्ट्री लगाएगा और कब हमें जूते और चप्पल बनाकर कहलाएगा इसी सोच के आधार पर उसने वहां पर एक छोटा सा यूनिट लगा दिया और कुछ ही दिनों में इतना माल बिकने लगा कि उसकी पूर्ति करना मुश्किल हो गया 1 दिन वहां से पहला व्यापारी जब गुजरा तो उसने देखा कि सभी लोग जूते और चप्पल पहन कर अपना कार्य कर रहे हैं तथा बहुत बड़ी जूते बनाने की कंपनी वहां स्थापित हो चुकी है  डॉ एमपी सिंह इस कहानी क

बाबा साहब ने सभी षड्यंत्रकारियो को सबक सिखाकर भारत को संविधान दिया - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जन्म दलित परिवार में महार जाति में हुआ था यह 14 बहन भाई थे जिसमें यह सबसे छोटे थे इनके पिता सूबेदार रामजी सकपाल थे जिसकी वजह से इनको पढ़ाई का मौका मिल गया यह पढ़ाई में बहुत ही तेज थे  डॉ एमपी सिंह ने बताया कि विषम परिस्थितियां होने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और बुद्धि और विवेक से काम लेकर सभी को परास्त करके आगे निकल गए इनके साथ प्राथमिक पाठशाला से ही भेदभाव बढ़ता गया जैसे कि सभी विद्यार्थियों से अलग बैठा देना पानी पिलाने के लिए सहायक को कहना और जिस दिन सहायक नहीं होता था उस दिन बिना पानी के प्यासे ही रहते थे  डॉ एमपी सिंह ने बताया कि इनको पढ़ाने के लिए बड़ौदा के नरेश ने इस शर्त पर वजीफा दिया कि पढ़ाई के बाद सिविल सर्वेंट बनकर हमारे राज्य की सेवा करनी होगी  इन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय यूके से लंदन ग्रुप ऑफ़ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई पूरी की स्वाधीनता संग्राम के समय भारत के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्ति थे इ

अधिकारों की लड़ाई से देश कमजोर नहीं मजबूत होता है - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देवकी और वासुदेव ने कुरीतियों तथा शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी तो भगवान के रूप में श्री कृष्ण ने अवतार लिया और कंस जैसे क्रूर और निर्दयी अत्याचारियों का विनाश करके उनको उनके अधिकार दिलाए   डॉ एमपी सिंह ने कहा कि अधिकारों की लड़ाई से व्यक्ति समाज और देश मजबूत होते हैं आंदोलन से लोकतंत्र की ताकत बढ़ती है इसी से ब्रिटिश साम्राज्य का खात्मा हुआ था आजादी के मूल्यों की रक्षा करना तथा सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है लेकिन आजकल इसके विपरीत आचरण हो रहा है और अंधविश्वास का प्रचार और प्रसार हो रहा है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि आज जल जंगल और जमीन यदि नहीं बचाई गई तो अगला विश्वयुद्ध इसी पर आधारित होगा और यदि शिक्षा  स्वास्थ्य और रोजगार पर उचित कार्य नहीं किया गया तो देश कमजोर हो जाएगा आज जल जंगल जमीन शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के लिए सभी गैर सरकारी संस्थानों तथा स्वयं सेवकों को एकजुट होकर लड़ाई ल

विकास हाई स्कूल बल्लभगढ़ में जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया - डॉ एमपी सिंह

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कोरोना महामारी के बाद श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पर्व पर विकास हाई स्कूल में जन्माष्टमी बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाई गई इस अवसर पर देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि अपने भाषण में कहा कि बचपन से ही हम उनसे जुड़ी अनेक कथाएं सुनते आए हैं और उनकी गाथाओं को गाते आए हैं सदियों से हम जन्माष्टमी के पर्व को मनाते आ रहे हैं  डॉ एमपी सिंह ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस दिन सभी जगह मंदिरों को सजाया जाता है और श्री कृष्ण की गाथाओं तथा लीलाओं को संगीतमय भजन के माध्यम से सामूहिक तौर पर गाया और बजाया जाता है इस दिन अधिकतर लोग उपवास रखते हैं और रात को 12 बजे पूजा अर्चना करने के बाद उपहास को तोड़कर भोजन करते हैं  डॉ एमपी सिंह ने कहां कि कृष्ण पक्ष की अंधेरी रात में श्री कृष्ण का जन्म देवकी के गर्भ से कारागार में हुआ था क्योंकि वासुदेव और देवकी को कंस ने अपनी मृत्यु के भय से कारागार में बंद कर दिया था लेकिन कृष्ण के पैदा होते ही कारागार के द्वार स्वत ही खुल गए और वासुदेव जी मौका पाते ही देवकी के आठवें पुत्र को नंद बाबा औ

जाने स्वतंत्रता दिवस समारोह पर भडकल उपमंडल में किन-किन लोगों को सम्मानित किया गया

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भडकल, 15 अगस्त- देश की आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान दशहरा ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पलवल से विधायक माननीय दीपक मंगला जी ने ध्वजारोहण करके बेहतर कार्य करने वाले देश प्रेमियों को सम्मानित किया इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अनखीर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 21 डी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय nit-5 तथा मेट्रो स्कूल के विद्यार्थियों ने रंगोली प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें मेट्रो स्कूल प्रथम रहा  इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया जिसमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाली और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी दो के विद्यार्थी प्रथम रहे तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नंबर 5 द्वितीय और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नंबर 3 तृतीय रहा सब इंस्पेक्टर विवेक परेड कमांडर की टुकड़ी प्रथम तथा एएसआई अशोक कुमार की हरियाणा पुलिस की टुकड़ी द्वितीय रहे भारत स्काउट एंड गाइड की टुकड़ी तृतीय रहे  इस अवसर पर थाना अध्यक्ष  कोतवाली रामवीर सिंह थाना अध्यक्ष एसजीएम नगर संदीप कुमार प

राजनीतिक लोग तथा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ही भय और भ्रष्टाचार के जन्मदाता है -डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि भय और भ्रष्टाचार के जन्मदाता अधिकतर राजनीतिक लोग और पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि राजनीतिक लोगों पर बड़े राजनेताओं का हाथ होता है क्योंकि उन्हें खुद के अलावा उनके लिए भी कमाना पड़ता है टिकट खरीदने के लिए भी भारी भरकम रकम देनी पड़ती है चुनाव प्रक्रिया में भी अनाप-शनाप खर्चा होता है आए दिन कोई ना कोई रैली या प्रदर्शन करना होता है इसलिए खर्चा पूरा करने के लिए या तो उनको उगाई करनी पड़ती है या गलत धंधों में लिप्त होना पड़ता है कल्फ के कपड़े ऐसे ही नहीं पहने जाते हैं घर में परिवार के सभी सदस्यों के पास अनेकों वाहन होते हैं वह ऐसे ही नहीं चलते हैं किसी ना किसी बहाने से  कोई ना कोई पार्टी बड़े-बड़े होटलों में होती रहती है वहां के बड़े-बड़े बिल आम आदमी नहीं चुका सकता है उक्त कार्यों को संपूर्ण करने के लिए गलत नीति और नियत को ही अपनाना पड़ता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि अधिकतर शराबी अपराधी दबंग जल माफिया खनन माफिया भूमि माफिया त

परिवारवाद सभी राजनीतिक पार्टियों और दलों में समाहित है - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह का कहना है कि परिवारबाद सभी राजनीतिक पार्टियों और दलों में समाहित है क्योंकि एक डॉक्टर अपने बेटे को डॉक्टर बनाना चाहता है एक अध्यापक अपने बेटे को अध्यापक बनाना चाहता है सुनार कुम्हार लोहार धोबी नाई आदि के घर में पैदा होने वाला बच्चा स्वत ही उस काम को बिना सिखाएं सीख जाता है ठीक इसी प्रकार राजनेता के घर में पैदा होने वाला बच्चा राजनीति की एबीसीडी स्वत ही सीख जाता है  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि राजनेता के घर में पलने वाले बच्चे ऐसो आराम की जिंदगी जीते हैं बड़ी गाड़ियों मैं चलते हैं बड़े महलों में रहते हैं नौकरों से काम लेना वह छोटी सी उम्र में वे सीख जाते हैं क्योंकि हर काम के लिए घर में नौकर काम कर रहे होते हैं कुछ अवैतनिक तथा कुछ सरकारी  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जरूरतमंद लोग तथा काम कराने वाले लोग राजनेताओं की चापलूसी करते हैं और उनके इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं कई बार अपने कार्यों को निकलवाने के लिए राजनेताओं के घर के सदस्यों तथा नौकरों का सहारा लेते हैं जिस वजह स

स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वतंत्रता को संभाल कर रखने की जरूरत है -डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हमें महात्मा गांधी सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद शहीद भगत सिंह लाला लाजपत राय सरदार पटेल बाल गंगाधर तिलक बाबा भीमराव अंबेडकर अशफाक उल्ला खान आदि की कुर्बानी को नहीं भूलना चाहिए इनके साथ इस भारत को आजाद कराने में अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी शहादत दी थी ताकि अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का दफन हो सके  डॉ एमपी सिंह ने कहा कि आज का दिन भारत वासियों के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन है आज यह स्वाभिमान की रक्षा का दिन है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ था आज हमें उन वीर सपूतों को याद करना चाहिए जिन्होंने इस मुल्क को आजाद कराने में अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया और उन शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करके उन वीर सपूतों के इतिहास के बारे में सभी को जानकारी देनी चाहिए  डॉ एमपी सिंह ने कहा कि उन महापुरुषों और महानायकों के जीवन से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने 200 साल तक भारत पर राज करने वाले अंग्रेजों से टक्कर ली तथा संघर्ष किया और आजादी

अज्ञानी होना गलत नहीं लेकिन अज्ञानी बने रहना गलत है- डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है जिसमें हर घर तिरंगा फहराया जा रहा है यह सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है  डॉ एमपी सिंह ने बताया कि जब हम अंग्रेजों के गुलाम थे तब अंग्रेजों को आभास था कि  भारत की संस्कृति और सभ्यता की जड़ जब तक मजबूत हैं तब तक भारत को नहीं जीता जा सकता है और लॉर्ड मैकाले ने कहा था कि यदि भारत पर राज करना है तो भारतीयों में हीन भावना भर दो और उनके विश्वास को दिला दो उनकी संस्कृति को नष्ट कर दो उनकी परंपराओं और मान्यताओं को खोखला कर दो उनके पहनावे व खानपान तथा बोली भाषा मैं परिवर्तन कर दो वह भारतीय तो हो लेकिन अंदर से अंग्रेजीपन कूट-कूट कर भरा हो अंग्रेजों के पद चिन्हों पर चलने के लिए मजबूर कर दो तभी इन पर सैकड़ों वर्षों तक राज किया जा सकता है  डॉ एमपी सिंह क्या कहना है कि लार्ड मैकाले की सोच को आज भारतीय लोग सार्थक कर रहे हैं अंग्रेजी बोलने और पढ़ने में अपना बड़प्पन समझते हैं चाय की चुस्की ले कर गौरवान्वित

यदि गरीबों के बच्चे स्कूल ही छोड़ते रहे तो बाबा साहब का स्वप्न साकार नहीं हो पाएगा -डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि यदि इसी प्रकार से गरीबों के बच्चे स्कूल छोड़ते रहे तो बाबा साहब का स्वप्न पूरा नहीं हो पाएगा  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि गरीबी चाहे कितनी भी हो लेकिन अपने बच्चों को स्कूल से छुट्टी नहीं करानी चाहिए या स्कूल से नाम नहीं कटवाना चाहिए हमें बाबा साहब के जीवन से सीख लेनी चाहिए  उन्होंने अनेकों विषम परिस्थितियां के बाद भी  अपनी पढ़ाई को नहीं छोड़ा  और एक दिन देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे विद्वानों में गिनती कराई तथा भारत को संविधान दिया  डॉ एमपी सिंह ने विभिन्न स्कूलों से डाटा इकट्ठा किया और स्कूल छोड़ने के कारण जाने जिसमें पाया गया कि अधिकतर दलित पिछड़े असहाय दिव्यांग बेरोजगार गरीबों के बच्चे स्कूल छोड़ गए क्योंकि उनके पास कॉपीकिताब ड्रेस इत्यादि नहीं थी अनेकों बच्चों के पास एक जोड़ी कपड़े होते हैं इसलिए वह जब उसकी  धुलाई करते थे तो उनके पास इस स्कूल जाने के लिए दूसरी जोड़ी कपड़े नहीं सोते थे इसलिए कई बार स्कूल टीचर विद्यार्थी को डांट फटकार देते थे और स्कू

विद्यार्थियों के ना पढ़ने की विभिन्न मजबूरियां - डॉ एमपी सिंह

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अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक  प्रोफेसर एमपी सिंह ने गहन चिंतन के बाद उन कारणों का उजागर किया है जिनकी वजह से विद्यार्थी स्कूल नहीं जा पाते हैं  डॉ एमपी सिंह का कहना है कि कुछ माता पिता और अभिभावक भट्टा पर काम करते हैं उनके बच्चे भी उन्हीं के साथ रहते हैं और आस पास कोई विद्यालय नहीं होता है जिसकी वजह से उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पाते  गांव देहात में कुछ माता पिता और अभिभावक पैसे के अभाव में दूसरों की फसलों की निराई गुड़ाई करते हैं घर पर रहने वाला कोई नहीं होता है इसलिए वह अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखरेख करने के लिए बच्चों को उनके पास छोड़ देते हैं जिसकी वजह से उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं  कुछ माता-पिता भैंस पालन बकरी पालन आदि का कार्य करते हैं इसलिए भैंस और बकरी चराने के लिए जंगल में उन बच्चों को भेज देते हैं क्योंकि उनके पास  कमाने वाला कोई अन्य नहीं होता है उन बच्चों के माध्यम से ही वह अपना भरण-पोषण करते हैं इसलिए वह बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं  कुछ माता पिता और अभिभावक सांप बंदर बंदरिया रीछ आदि का खे